Sunday, April 3, 2011

मैंने तेरे लिए...

मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने,
सपने, सुरीले सपने,
कुछ हंसी के, कुछ गम के,

तेरी आँखों के साये चुराए रसीली यादों ने,
मैंने तेरे लिए ही सात रंग के...


छोटी बातें,
छोटी-छोटी बातों की है यादें बनी,


भूले नहीं बीती हुई एक छोटी घडी,
जनम जनम से, आँखें बिछाए,
तेरे लिए इन राहों में, मैंने तेरे लिए...


भोले भाले,
भोले भाले दिल को बहलाते रहे,


तन्हाई में तेरे ख्यालों को सजाते रहे,
कभी कभी तो,
आवाज़ देकर, मुझको जगाया ख्वाबों ने,


मैंने तेरे लिए...


रूठी रातें,
रूठी हुई रातों को जगाया कभी,


तेरे लिए बीती सुबह को बुलाया कभी,


तेरे बिना भी,
तेरे लिए ही, दीये जलाये रातों में,
मैंने तेरे लिए...