Friday, November 30, 2012

Itnaa To Bataa Mere Hamdum...
Main Ne Kab Tum se Kuchh Maanga tha..?
Main Ne Kab Tum Se Mohabbat Maangi Thi...?
Kab tumse Iqraar-o-Wafa Ka Ehad Maanga...?
.......................................
Bas Ek Inaayat hi Chaahi Thi..
K Door Na Ho Jaana Mujhse Kabhi. !!
K Tum Se Juda Ho Kr Meri
Saanson Me Kami Aa Jati Hai...!!
Yoon Jazb Kar Liya Hai
Tujhe Rooh Main..!!
K Tujhe Paane Ki
ab Hasrat Nahi Rahi...!!!

Monday, November 26, 2012

नन्ही सी ख्वाहिश...

मैं सिहर सा जाता हूं, जब यह खयाल जहन में आता है कि तुम भी मुझे इस भीड़ भरी दुनिया में अकेला छोड़कर जाने वाली हो। अब जब यह तय हो चुका है कि तुमसे जी भर के गुफ्तगु करने की मेरी नन्ही सी ख्वाहिश भी अब अधूरी ही रहनी है, तो मैं तुमसे इस चिट्ठी के माध्यम से ढेर सारी बातें करना चाहता हूं। दिल भर सा गया है। कभी-कभी मैं यूं ही तुम्हारे बारे में सोचता हूं तो एक खयाल, एक सवाल मेरे जहन में आता है, जिसका जवाब मैं आज तक नहीं दे पाया। कि तुम्हारा-मेरा रिश्ता क्या है? क्या हम महज दोस्त हैं, या फिर...? शायद हम दोनों के लिए इसे कोई नाम देना मुश्किल है। पर मुझे इतना पता है कि तुम वो शख्स हो, जिसने मुझे उस वक्त सहारा दिया, जब मैं टूट चुका था। पहले नहीं था, पर अब यकीन हो गया है कि तुम्हें सच में भगवान ने ही मेरे लिए भेजा था। कोई जरूरी नहीं कि भगवान उसे ही हमारे लिए भेजे, जो हमारा हमसफर बने। जरा से साथ में तुमने मुझे अनगिनत खुशियों के पल दे दिए, जिसके लिए मैं जिन्दगी भर भी तुम पर प्यार लुटाऊं, तो भी कम है।

-> तुम सच में मेरी जिन्दगी की किताब की नायिका हो। तुम्हारे बगैर मेरी जिन्दगी की किताब अधूरी है। मैं जानता हूं, तुमसे मुझे सच्चा अपनापन मिला है। मैं उस प्यार को अपनी रूह के अंदर तक महसूस कर सकता हूं। सच में मुझे अब अहसास हुआ कि प्यार जब सच्चा हो तो रूह को कितना सुकून देता है।

-> दूर कहीं जब तुम गहरी नींद में सो रही हो और मै यहां ठण्डी रातों में लफ्जों का पुल बनाकर तुमसे बातें करने की कोशिश में जुटा हूं। यकीन जानो, बहुत अच्छा लगता है। कभी-कभी यूं महसूस होता है कि जिस उर्जा की आवश्यकता मुझे हरदम रहती है. वह मुझे तुम्हारे खयाल से ही मिलती है।

-> ठंडी हवा जब गालों को छूती है तो शरीर में एक लहर दौड़ जाती है. तब तुम्हारी बहुत याद आती है. तुम साथ होती तो यहां का मौसम और भी खुशगवार हो जाता. तुम्हारे हाथों का स्पर्श, तुम्हारे गालों को छूते उड़ उड़ कर आते बाल और रह रह कर अपनी उंगलियों से तुम्हारे कानों के पीछे धकेलता मैं..।

-> तुम्हें याद है, जब एक दिन तुम मेरे लिए मिठाई लेकर आई थी। तुम्हें पता था कि मुझे मिठाई बेहद पसन्द है। और फिर हमने वहां बैठकर एक ही चम्मच से मिठाई खाई थी। उस दिन की मिठास आज भी मैं महसूस कर सकता हूं।
 
-> अच्छा तुम्हें याद है, जब उस सुहानी शाम को हम एक-दूसरे के पास बैठे थे। और फिर बातों ही बातों में तुम मेरे बिल्कुल करीब आ गई थी। जहां मैं तुम्हारी सांसें महसूस कर सकता था। तुमने अपना सर मेरी गोद में रख दिया था। और फिर.....

> उस रोज के तुम्हारे गीले होठों की महक आज तक मेरे होठों पर चस्पां है....

> मुझे आज भी याद है वो खास दिन जो मैं भूल गया था पर तुम नहीं। मेरे जन्मदिन पर तुम्हारे भेजे हुए गुलदस्ते ने मुझे असीमित खुशियां दी थी। सच में, उस दिन तो तुमने कमाल ही कर दिया था। तुम्हारा दिया उस रोज़ का गुलाब आज भी सिरहाने रखी डायरी में रोता है....और मुझे तुम्हारी याद दिलाता है।

-> उन आखिरी दिनों में जब मैंने तुमसे मुलाकात करने की कई बार नाकाम कोशिश की थी उन दिनों बस यही कहना चाहता था कि....

पत्तों पर बिखरी तुम्हारी खिलखिलाहट में...
छज्जे पर से टपकते
गाढ़े अंधेरे से चिपकी तुम्हारी बातों में....
सर्दियों की गुनगुनी धूप में
औंधे पड़े हुए अलसाई तुम्हारी आँखों में....
खाली पड़े कमरे में एकाएक ही
छन्न से आवाज करती तुम्हारी स्मृति में....
बेतरतीब खुली पड़ी डायरी के सफहों पर
तुम्हारे नाम लिखी कहानियों में......
ढलती हुई शामों में......
उदास जागती रातों में.....
सूनी सड़क पर तुम्हारे साथ
चहलकदमी करने के खयालों में.....
अब मुझे सुकून मिलता है...।
Qayamat Khez Lamha Tha
Socha To Yaqeen Na Aya..
Jis Ko Tha Toot K Chaaha
Us Se Nafrat Hui Mujh Ko..!!!

Tuesday, November 20, 2012

Usi Jagah pe khada hun,
Jahan wo bichhda tha
Suna hai Jab se K,
Mousam..Palat ke aate Hain_!!
Itni shiddat Se Bhi
Pyaar Naa Karna Kabhi Kisi Se
Bahut Gehrai Mein Jane Wale
Akser Doob Jate Hai_!!

Friday, November 9, 2012

♥♥ Mere Lafzoon Ki Mehak Agar Uss Tak
Pohanch Jay Too Kehna.!!

Hum Jesy Log Agar Kho Jayen To
Dubara Qismat Say Bhi Nahi Miltay...♥♥

Monday, November 5, 2012

Mujhe bhi Sikha do,
Bhoolnay Ka Hunar.
Ki Mujse Raaton ko uth-uth ke
Ab Roya nahi Jata...!!!

Sunday, November 4, 2012

Mere Lafzon Ki Pehchan
Agar Tujhe Hoti...
To Tujhe Mujhse Jyada...
Khud Se Mohbbat Ho Jaati..!!

Thursday, November 1, 2012

Mohbbat Main
Dikhave Ki Dosti Naa Milaa..
Gale Mil Nahi Sakta,
To Haath Bhi Naa Milaa..!!!