Thursday, February 21, 2013

नए अंदाज में पुरानी यादें ताजा करने के दिन

अजीब दिन थे. बाहों में बाहें डाले चहलकदमी करते रहने के दिन. उतरते हुए सूरज और ढलती हुई शामों के दिन. गली के नुक्कड़ पर तुम्हारा इतंजार करते रहने के दिन. किताबों के आखिरी सफहों पर मन में पिघल रहे कुछ शब्दों को लिख देने के दिन. ऐसे ही उन दिनों में कस्बाई सपने, जो सुबह सूरज के साथ उगते थे और ढलती हुई शामों के साथ छतों से कपड़ों की तरह उतार लिए जाते थे। कई आंखें थी आस पास, जो मिल जाने पर शरमा कर झुक जाया करती थीं. कई आंखों में दबे-छुपे से प्रणय निवेदन तो कई आंखें जो भुलायी नहीं जा सकती. शराफत के दिन, नजाकत के दिन, मोहब्बत के दिन, आरजुओं के दिन। आज बरसों बाद उन बीते दिनों की यादों ने मुझको भिगो दिया। ऐसा लगा कि मैं छलांग लगाकर आठ बरस पहले चला गया। सच में कितनी प्यारी थी तुम। मुझे आज भी याद है तुम्हारा वो अंदाज.  हाईनेक स्वेटर पहने...कंधे पर बैग और चेहरे पर मुस्कान सजाए जब तुम कॉलेज में प्रवेश करती तो मेरे मन में एक अजीब सी ऊर्जा का संचार हो जाता। दिल के किसी कौने में बसी पहली मोहब्बत की उन यादों की गर्माहट आज भी मुझे ऊर्जा देती है. मैं तुम्हें कभी कह भी नहीं पाया कि तुम्हारे लिए मेरे मन में चाहना ने जन्म ले लिया था. उन दिनों मैं तुम्हें बस यूं ही हर रोज निहारा करता था. कभी क्लास में...कभी बरामदे में.. कभी रास्ते में...कभी यादों में.. कभी खयालों में। कभी जब मन नहीं लगता तो यूं ही तुम्हारे घर के सामने से गुजरने में भी मुझे सुकून महसूस होता...। सच में तुमसे बात करना मेरे लिए किसी ख्वाब के सच होने जैसा ही है. मेरी शुरू से यह ख्वाहिश रही थी कि मैं तुमसे बात करूं. पर कभी इतना साहस जुटा नहीं पाया। पता नहीं, एक डर सा लगता था कि बात करने पर न जाने क्या हो जाएगा. आज जब इतने वर्षों बाद तुमसे बात हो रही है, तो अजीब सी खुशी अंदर तक महसूस कर रहा हूं मैं।  जैसे कोई ठण्डी हवा का झोंका मुझसे टकराकर मुझे शीतलता का अहसास करा रहा है। तुम्हारी आवाज सुनना या फिर तुमसे सीधे रू-ब-रू होने का मौका तो पता नहीं इस जीवन में मिले या ना भी मिले. और मेरी ख्वाहिशें कभी इतनी ज्यादा रही भी नहीं क्योंकि मैं तुमसे रू-ब-रू होकर बात करने का साहस जुटा भी लूंगा, इस पर भी मुझे संदेह हैं। जानता हूं, यह सब बातें तुम नहीं समझ पाओगी. मगर फिर भी इन दिनों नए अंदाज में पुरानी यादों को ताजा करने का अपना अलग मजा है. और मैं फिलहाल इसको 'सेलिब्रेट' कर रहा हूं. बहुत शुक्रिया. :)

1 comment:

  1. samjh me hi nahi aaya G...........???????

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